रविवार, 9 मार्च 2014

लक्ष्मी, पूजा से कभी नहीं मिलती

हम भारत के लोग प्रतिवर्ष दीप पर्व को बड़े ही धूम-धाम व हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. दुनिया के मानचित्र में भारत भारत गरीब आबादी वाला सबसे बड़ा देश माना जाता है. विश्व में हम इकलौते ऐसे देश के निवासी हैं, जहां माँ लक्ष्मी को प्राप्त करने के लिए ब्रम्हांड का सबसे बड़ा जश्न मनाया जाता है, और मनाएं भी क्यों ना ! दुनिया के सबसे गरीब जो ठहरे !! अपनी भूख-प्यास, दरिद्रता और बदहाल जिन्दगी से निजात पाने के लिए न जाने कितने सालों से  हम धन की देवी लक्ष्मी की कृपा व दया की चाह से तरस तरस कर, तड़प तड़प कर पूजा पाठ, वृत उपवास में लीं और तल्लीन हैं, इसका हिसाब न तो हमारे पुरखों ने रखा, न ही हम रख पा रहे हैं.

मैंने अति निकटता से देखा है कि माँ लक्ष्मी को प्राप्त करने भारत के लाखो करोड़ो लोग, जिन्हें सरकार ने अल्प आय वर्ग, निराश्रित, गरीबी रेखा से निचे, गरीबी रेखा के बीच और कमजोर वर्ग आदि इत्यादि प्रमाणपत्रों में विभाजित कर रखा है, दीपावली मनाने के लिए माँ लक्ष्मी को प्रसन्न रखने के लिए "उत्सव कर्ज" लेते हैं. यह कड़वा सच है कि भारत के करोड़ो लोगों की दीपावली कर्जों व ब्याजों से ली गई राशि पर मनाई जाती है. दीपावली प्रत्येक वर्ष आती है, अतः इस कर्ज को लौटाने में ही आदमी की आधी उम्र गुरार जाती है तो शेष बची आयु शिक्षा, स्वास्थ्य और वैवाहिक कर्जों की अदायगी में निकल जाती है. भारत के लोगों को सदियों से एक ही पाठ पढ़ाया गया है कि कर्म से धर्म बड़ा होता है. धर्म के सामने देश, राष्ट्र, संविधान, नियम, क़ानून सब तुच्छ हैं. "धर्म के लिए जियो और धर्म के लिए मरो" यही एक मात्र मूल मन्त्र जन्म से मृत्यु तक सिखाया गया है. भारत के वेदांता (वेदज्ञानी) ब्रम्हज्ञानी व मनीषियों द्वारा देश की भूखी, नंगी, अनपढ़, जाहिल और गंवार, अशिक्षित जनता को जो धर्म का ज्ञान परोसा गया, आज उसी परम्परा का पूरी निष्ठा व लगन से, मन, वचन व कर्म से ईमानदार पालन कर रहे हैं.

भारत की महिलायें जिस शुद्धता व पवित्रता से प्रतिमाह वृत, उपवास व जाप ताप करती हैं, दुनिया में संभवतया शायद ही कोई ऐसा देश हो जहां की महिलायें भारतीय नारियों का इस क्षेत्र में मुकाबला कर सके. दुनिया के किसी भी कोने में ईश्वर के प्रति धन की देवी माँ लक्ष्मी के प्रति इतनी श्रृद्धा, त्याग और तपस्या देखि जाती है और न ही सुनी जाती है, फिर भी भारत विश्व मानचित्र में सबसे गरीब, भूखा, नंगा और कमजोर है.
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