सोमवार, 2 जुलाई 2012

आदिवासी सत्ता (मीडिया) को शक्तिशाली बनाना होगा-संपादक, "आदिवासी सत्ता"

श्री के.आर.शाह
संपादक, आदिवासी सत्ता 

               अभिव्यक्ति का अभाव और रौशनी में भी अन्धकार के एहसास में जीते हुए समाज की अनसुनी आवाज को नई पहचान देने फरवरी २००५ को हिन्दी मासिक "आदिवासी सत्ता" का प्रकाशन प्रारम्भ किया गया. एक ऐसा समाज जो शिक्षा के क्षेत्र में आज भी सबसे अंतिम पंक्ति का सदस्य है, वहाँ वैचारिक क्रान्ति द्वारा आदिवासी सत्ता की पाठशाला खोलना रेगिस्तान में जलप्रपात तलाशने जैसा ही है. अरबी में कहावत है "हिम्मत-ऐ-मर्दे, मदद-ए-खुदा" और ऐसे ही साहस भरे दृढ़ संकल्प से हमने आदिवासी समाज में कुछ कर गुजरने का माद्दा रखने वाले कर्मठ, समाज सेवी साथियों के साथ मिलकर आदिवासी सत्ता के सफल प्रकाशन को ०६ वर्ष में पहुँचा दिया.

            हम सब जानते हैं कि प्रत्येक क्षेत्र में आदिवासियों को दबाने, सताने व मिटाने का षड्यंत्र बदस्तूर जारी है. मंत्री, विधायक, सांसद, प्रशासनिक अधिकारी, शासकीय कर्मचारी से लेकर आम आदिवासी कैसे प्रताडित होता है, यह किसी से छिपा नही है. इन परिस्थितियों में "आदिवासी सत्ता" की मुखर आवाज और विचार क्रान्ति कैसे अछूती रह सकती है ? "आदिवासी सत्ता" आज अदृश्य हमलों का शिकार है. हमारा समाज बेहद असंगठित और बड़ी संख्या में अशिक्षित व अजागरुक होने के कारण कमजोर व शक्तिविहीन है. "आदिवासी सत्ता मीडिया" समाज की एक नन्ही सी आवाज है. इसे मजबूत और शक्तिशाली आवाज बनाने के लिए सभी समर्थ आदिवासियों को तन-मन-धन से सहयोग करना होगा. मीडिया की ऊर्जा विज्ञापन है. मीडिया सामाजिक है, अतः विज्ञापन भी समाज को ही देना होगा, तभी "आदिवासी सत्ता" शक्तिसंपन्न होगा. कमजोर व्यक्ति दबा दिया जाता है और मरहा (मरियल) आवाजें अनसुनी हो जाती है.

               जनवरी २०१२ को "आदिवासी सत्ता" ने पांच वर्ष पूर्ण कर लिए. यह पांच वर्षीय सफलता हमारे और समस्त आदिवासी समाज के लिए गर्व का विषय है. हम अपेक्षा करते हैं, कि निम्न विज्ञापन दरों के अनुसार अपना शुभकामना सन्देश देकर तथा दिए विवरण अनुसार वार्षिक, पंचवर्षीय, दस वर्षीय एवं आजीवन सदस्य बनकर "आदिवासी सत्ता" को शक्ति व ऊर्जा प्रदान करें.


विज्ञापन दर 

(1) अंतिम पृष्ठ बाहर (रंगीन)                                रूपये  20,000/-
(2) प्रथम/अंतिम पृष्ठ भीतर (रंगीन)                      रूपये  15,000/-
(3) आंतरिक पृष्ठ फुल साईज (रंगीन)                    रूपये  10,000/-
(4) आंतरिक पृष्ठ आधा (रंगीन)                             रूपये    5,000/-
(5) आंतरिक पृष्ठ फुल साईज (श्वेत-श्याम)           रूपये    6,000/-
(6) आंतरिक पृष्ठ आधा (श्वेत-श्याम)                    रूपये    3,000/-
(7) आंतरिक पृष्ठ चौथाई (रंगीन)                           रूपये    2,500/-
(8) आंतरिक पृष्ठ चौथाई (श्वेत-श्याम)                  रूपये    1,500/-
(9) शुभकामना सन्देश (साईज 1.5 इंच)                 रूपये    1,000/-

आदिवासी सत्ता का सदस्य बनिए 

वार्षिक -           २३० रूपये
पंचवर्षीय -    १,१५० रूपये
दस वर्षीय -   २,३०० रूपये
आजीवन -    ४,००० रूपये
का  बैंक ड्राफ्ट या मनीआर्डर के माध्यम से भेजते हुए, "आदिवासी सत्ता" पत्रिका प्राप्त करने हेतु स्वयं के पूर्ण डाक पते के साथ नीचे अंकित आदिवासी सत्ता कार्यालय के पते पर भेजने से आपको प्रति माह आदिवासी सत्ता पत्रिका डाक द्वारा भेजी जायेगी.

पता :- कार्यालय आदिवसी सत्ता, क्वाटर नंबर- २/एच, सड़क- रेलवे एवेन्यू, सेक्टर-६, भिलाई नगर, जिला दुर्ग, छत्तीसगढ़- ४९०००६,
मोबाईल : ९८२७१५७०५२,९७७०५७८०८०
ई-मेल : adiwasisatta@yahoo.com



4 टिप्‍पणियां:

  1. मेरी सभी आदिवासियों अपील है की वे सभी इस पत्रिकाके सदस्य अवश्य बने

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  2. सभी बहुजन भाइयों(ST,SC,OBC& MINO.) से निवेदन हैं कि जनजागृति फैलाने हेतु सभी मिल कर काम करें और सामाजिक जितने भी साहित्य है सभी का प्रचार प्रसार करें व खुद भी अध्ययन करें। जय मूलनिवासी

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  3. प्रतिदिन वाले कोई पत्रिका नहीं है क्या गोंडवाना सम्बन्धित बताने की कृपा करे।

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  4. में देवेंद्र सोयाम, क्या मुझे फ्रेंचायाजी मिल सकती है ताकि में आदिवासी सत्ता में ऐड प्रकाशित करवा सकू ।
    tech.soyam@gmail.com

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